हवाई महल ...
"बहु मंज़िला इमारत में अपार्टमेंट, बकरे की मां कब तक खैैर मनाएगी "
image source: www.assured-ltd.co.uk/
ध्यान दें ---- ये आर्टिकल मेरे इंगलिश मे लिखे हुए आर्टिकल "Castle in the Air" का हिन्दी अनुवाद है।
चलो सरल गणित से शुरू करते हैं,
एक 30 वर्षीय आदमी ने बहुमंज़िला इमारत की आठवीं मंज़िल पर सभी सुविधाओं से लैस और हां, बिजली
बैक-अप के साथ एक अपार्टमेंट खरीदा ... कुल लागत लगभग 35 लाख रूपए ।
अपना घर , अपनी छत, अपनी दीवार, अपना बाथरूम, अपना ये, अपना वो। मशहूर फ़िल्मी कलाकारों ने विज्ञापनों में ऐसे इमोशनल डायलॉग बोल -बोल कर हमे ये भूलने पर मजबूर कर दिया है की इंसानों की ही तरह; इमारतों की भी एक समयसीमा होती है, पुरानी होने पर या तो वो खुद गिर जाती हैं या फिर उन्हे गिरा दिया जाता है । लेकिन, हम कभी भी बहुमंज़िला इमारत में अपार्टमेंट खरीदने से पहले इस बारे में नहीं सोचते, कि एक बार इमारत ने अपना समय पूरा कर लिया है तो फिर उस इमारत को कौन बनाएगा ।
इमारत के गिरने बाद, आठवीं मंजिल पर आपका आशियाना किसी "हवाइ महल" से कम नहीं ।
पहले जान लेते हैं की नॉरमल कनडीशन्स में इमारतों की उम्र कितनी होती है
----- मंदिर, मस्जिद या चर्च आदि जैसे विशाल संरचनाएं - 500 से 1000 साल
----- स्टील पुल, स्टील बिल्डिंग या इसी तरह की संरचनाएं - 100 से 150 साल
----- कंक्रीट पुल या उच्च वृद्धि इमारत या पत्थर पुल आदि - 100 साल
----- आवासीय घरों या सामान्य कार्यालय / वाणिज्यिक भवन आदि - 60 से 80 साल
----- कंक्रीट फुटपाथ - 30 से 35 साल
----- बिटुमिनस फुटपाथ - 8 से 10 साल "
Reference: [1]Causes for Accelerated Structural Deterioration of Reinforced Concrete,Dr. Y. P. Gupta, Advisor, Naini Bridge Information Centre; COWI - DIPL Consortium, Allahabad
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हालांकि, ये जरूरी नहीं की जितनी उम्र उपर लिखी है इमारत उस समयसीमा तक खड़ी रहे, कोई भी संरचना ऊपर दी गई आयु सीमा तक पहुंचती है या नहीं ये निरभर करता है अनुकूल मौसम और इमारत को बनाने में इस्तेमाल हुए मैटीरीयल पर, ज्यादातर मामलों में आपका अपार्टमेंट 35-40 से अधिक वर्षों तक नहीं टिकेगा ...
Ref :- "https://economictimes.indiatimes.com/slideshows/real-estate/your-flat-may-not-last-more-than-30-40-years/apartment-or- independent-house/slideshow/9858656.cms"
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अब, गणित के साथ फिर से शुरू करते हैं,
एक 30 वर्षीय व्यक्ति (चलिए, आपको हीरो बुलाते हैं ) ने एक अपार्टमेंट में 35 लाख रूपये का निवेश किया, (मान लीजिए कि इस इमारत की अनुमानित आयु सीमा 70 साल है, सामग्री और मौसम की स्थिति आदि के आधार पर) उस समय हीरो का बेटा 1 वर्ष का था और जब तक हमारा हीरो 100 साल का होगा तब उसका बेटा 70 वर्ष का होगा और अगर उसके बेटे का भी 30 वर्ष की उम्र में बेटा हुआ, तो हीरो के पोते की उम्र लगभग 40 साल होगी ...
(हमारी ज्वाइंट फैमिली के आधार पर मैंने अपने गणित को सही रखने की कोशिश की है)
इस तरह एक परिवार बढ़ता है ... (लिंग पूर्वाग्रह नहीं है, शब्द बेटा सिर्फ एक उदाहरण के रूप में प्रयोग किया गया है, यह एक बेटी भी हो सकती है)
अब, आइए हम कड़ी मेहनत वाले निवेश को देखें ...
पिता ने 35,00,000 / - निवेश किया
बेटा "30" का होता है: --- हमारे हिसाब से तो 30 वर्षों में हमारे निवेश की कीमत कम से कम 100 गुना बढ़नी चाहिए। पर फिलहाल हम अपेक्षित रिटर्न को 10 गुना मान लेते हैं, 10 गुना 35,00,000 = 3,50,00,000 / -
जब पोता 40 साल का होता है, तो इमारत में एक फ्लैट के रूपए में किए गए निवेश पर अपेक्षित रिटर्न = 3,50,00,000 X 10 = 35,00,00,000 / - (मिलना चाहिए)
चूंकि इमारत ने अपनी उम्र पूरी कर ली है, तो रिटर्न "हवाई" = "शून्य" में बदल जाता है
पहला सवाल जो हमें परेशान कर सकता है, की हम फ्लैटों में क्यों जा रहे हैं ? और ऐसा नहीं की ये सिर्फ मेट्रो सिटी में हो रहा है भारत के लगभग सभी शहरों में अपार्टमेंट कल्चर आ गया है। सवाल वही, पर ऐसा क्यों ?
--- ये सवाल आपकी शर्ट में से झाँकती हुई तोंद जैसा ही है ----
असहज ....
एक फ्लैट खरीदने के कुछ मुख्य कारण हैं: -
1. सुरक्षा - हर कोई "कच्छा बनिया गिरोह" और स्थानीय घुसपैठियों से डरता है, सच है कि अपार्टमेंट एक स्वतंत्र घर से कहीं अधिक सुरक्षित है। ये सच है की हम सब खुद को एक निडर व्यक्तित्व वाला दबंग इंसान मानते हैं, ये दबंग व्यक्तित्व ज्यादातर रोड-रेज़ में अपने से कमज़ोर व्यक्ति को धमकाने के काम में आता है या फिर हमारी कार के पीछले शीशे पर लिखी हमारी जात की तरह, बस झूठी शान दिखाने के काम आता है। डर तो सबको लगता ही है तो क्यो ना झुंड में रहें । हम, समाज के रूप में लगभग हर चीज और हर किसी से डरते हैं वो बात अलग है की शाम को दो घूँट लगा कर हम कुछ देर के लिये सिंघम में बदल जाते हैं पर हकीकत में हम समाज के रूप में काफी कमज़ोर और डरपोक हैं।
2. नए दोस्तो की तलाश - हम एक दूसरे के साथ बहुत आसानी से ऊब जाते हैं और हमें खुद को खुश रखने के लिए अन्य लोगों की आवश्यकता होती है, अपार्टमेंट का वो हलका शोर-शराबा हमें पूरे दिन व्यस्त रखता है। हम कोई वैज्ञानिक या खगोल शास्त्री नहीं हैं, हम में से अधिकांश लोग केवल अन्य लोगों पर चर्चा करना पसंद करते हैं।
3. आसान, किफायती और दूसरों के द्वारा आजमाई हुई, सरल शब्दों में बोलू तो "भेड़चाल" - एक मध्यम वर्ग के कामकाजी व्यक्ति के लिए एक स्वतंत्र घर के इतिहास का पता लगाना बहुत मुश्किल है, हम इसके लिए प्रोपर्टी डीलरों पर भरोसा करते हैं और डीलर पर भरोसा करना यानी आंखो पर पट्टी बांध कर पहाड़ से नदी में कूदना, कुछ पता नहीं क्या होगा। तो, चलो झुंड के पीछे चलते हैं कौन फालतू चक्कर में पड़े ।
4. सुविधाएं - एक अपार्टमेंट में लगभग वो सभी सुविधाएं मिल जाती हैं जो हमें जीवित रहने के लिए चाहिए।
सबके अलग - अलग बहाने है और हर बहाने का हमारे पास एक कारण हैं, लेकिन हम फ्लैट खरीदने से पहले इस सवाल को कभी नहीं पूछते की। .....
इमारत के, जीवनकाल को पूरा करने के बाद क्या होगा और क्या हो सकता है?
आइए जब इतनी माथापच्ची कर ही ली है तो इस बात की भी परिकल्पना कर लेते हैं की क्या हो सकता है ?
परिकल्पना 1:- अगर सकारात्मक होकर चले तो ---
सब जानते हैं की इमारत को पुनर्निर्माण की जरूरत है।
इसकी प्रक्रिया ---
अपार्टमेंट मालिक एक समिति बनाते हैं, इस समिति में कुल अपार्टमेंट मालिकों का 75% से अधिक होना चाहिए ताकि यह काम कर सके और जैसा कि हम आशावादी हैं, तो उम्मीद है कि हमारे पास यह संख्या है। अब, यह समिति भवन के पुनर्निर्माण के लिए निर्माता / डेवलपर के साथ बातचीत कर सकती है।
लेकिन, निर्माण के लिए धन के बारे में क्या?
यदि आप भाग्यशाली हैं, तो बिल्डर उस जमीन को (जहां इमारत बनाई गई थी) अच्छी कीमत में बेच देगा और शहर से दूर किसी सस्ती ज़मीन पर आप सब अपार्टमेंट मालिकों के लिए एक और इमारत का निर्माण करेगा जिसमे आप सभी को उन्ही सुविधाओं के साथ एक फ्लैट मिल जायेगा ।
(नोट: हाँ, अगर इस काम में ज्यादा पैसा लगा तो वो अंतर आपको अपनी जेब से देना होगा। )
इस प्रक्रिया में काफी लंबा समय लग सकता है तब तक आपको अपने आप रहने के लिए कोई दूसरी जगह ढूंढनी होगी ... निर्माता इसके लिए भुगतान नहीं करेगा।
परिकल्पना नंबर 2:- आप सभी उस जमीन के टुकड़े को आपस में बाँट सकते हैं, जिस पर बिल्डिंग बनी थी यानि की ग्रांउड फ्लोर।
(दुर्भाग्यवश, भूमि का वह टुकड़ा इतना छोटा होगा कि वहां एक परिवार भी फिट नहीं हो सकता, 20 या 30 परिवारों को तो भूल ही जाइये )
परिकल्पना नंबर 3: - अदालत में एक मामला दर्ज करें और कुछ होने की प्रतीक्षा करें।
महंगा वकील, मोटी फ़ीस और कभी न खत्म होने वाला कोर्ट केस, हिंदुस्तान है भाई ---- हमारे यहाँ खाली बैठे चापलूस नेताओं से मिलने का समय, शुद्ध दूध और न्याय, बहुत देर से मिलता है।
(कोर्ट केस काफी लंबा समय ले सकता है, तब तक आपको अपने रहने के लिए एक जगह का इंतज़ाम करना होगा ... बिल्डिंग निर्माता इसके लिए भुगतान नहीं करेगा।)
परिकल्पना नंबर 4: - ना रहेगी चमेली और ना ही बनेगा तेल -------------- अरे छोड़ो यार, मेरी इमारत गिरने में अभी और 50- 60 साल लगेंगे। तब तक मैं इस दुनीया में कहॅा रहूंगा, तो आराम करो।
ये टालमटाल वाली सोच हमारे अंदर हमारे पूर्वजों की देन है। ना हमारे पूर्वजों ने हमारे देश के लिए और हमारे लिए कुछ किया और ना ही हम आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ करेंगे।
मेरे शहर में इन बढ़ते हुए कबूतर खानो को देखते हुए एक बड़ा पुराना गाना याद आता है " एक बंगला बने प्यारा", अब अगर उस गाने का रीमेक बनेगा तो "बंगला" शब्द को हटाके उसकी जगह "बिल" लगाना सही रहेगा, "एक बिल बने प्यारा, जिसमें परिवार घुस जाये सारा "
-----------------------------------यह लेख सही उत्तर खोजने के अलावा मेरी जिज्ञासा पर आधारित है। लेकिन अगर आपके पास सही उत्तर हैं, तो नीचें टिप्पणी करें ...............
I, Varun Awasthi, hereby state that
a. This article authored by me is original and not plagiarized from any other sources.
b. This article has not previously been published/featured in any other media prior to this.
2 comments:
Nice ✌
Nice Article.... Your points are valid
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